रिश्ते इंसानी वजूद के लिए रिश्ते आज भी बेहद जरूरी हैं पर उन्हें बहुत लचीला होना पड़ेगा। पति-पत्नी के रिश्ते को भी, बहू-बेटी के रिश्ते को भी, दोस्ती के रिश्ते को भी। अन्य को तो है ही। कोई गुलामी के लिए तैयार नहीं है और हो भी क्यों? जितना खींचेंगे, उतना टूटेंगे। बेहतर है, डोरी अपने हाथों से गिर जाने दें, तभी यह...
व्यर्थ आडम्बर का कोई लाभ नहीं एक बार की बात है कि किसी सेठ ने मन्दिर बनवाने के लिए स्वामी दयानन्द की सम्मति माँगी। स्वामी दयानन्द ने गम्भीर तथा निडर होकर उत्तर दिया - सेठ जी, प्राणिमात्र का कल्याण करने वाले किसी अन्य परोपकारी कार्य में धन लगाओ। जड़ की पूजा के स्थान इस मन्दिर को बनाने से कोई लाभ नही। स्वामी जी महाराज के...
भारत एकमात्र ऐसा देश है जहाँ सभी छह ऋतुएं उपलब्ध हैं। परन्तु सातवीं एक और ऋतु है नारों की। हाँ! यहाँ नारों की भी एक ऋतु होती है, जिसमें कोई एक नारा चल निकलता है और ऋतु समाप्ति पर अपने आप समाप्त हो जाता है, कोई किसी से दुबारा उन नारों के लिए प्रश्न नहीं पूछता। गरीबी हटाओ भी इस देश का नारा था,...