राजकुल पंपरा
महासती मदालसा, महामानवी अनसूया, शैव्या, शकुंतला और जीजाबाई के उदाहरण हमारे सामने हैं। अभिमन्यु के पूर्ववर्ती संस्कार क्या थे ? सुभद्रा ने तापपरायण सुव्यवस्थित जीवन के आधार पर यह पता ही नहीं लगने दिया और उसे राजकुल पंपरा के सर्वथा अनुकूल साँचे में ढाल दिया। महारथी अर्जुन और साध्वी सुभद्रा के प्रयत्नों का यह पुण्यफल था, जो चौदहवर्षीय राजकुमार अभिमन्यु में साहस, शौर्य और युद्धविद्या में, वयोवृद्ध नरेशों के गुण विद्यमान थे। माता-पिता, बालक के कुटुंबीजन बस इतनी-सी परिधि भी यदि बच्चे को उपयुक्त मिल जाए, तो वह श्रेष्ठ आचरण वाला संस्कारवान नागरिक बन सकता है।
The examples of Mahasati Madalsa, Mahamanavi Anasuya, Shaivya, Shakuntala and Jijabai are before us. What were the previous rites of Abhimanyu? Subhadra did not allow this to be known on the basis of his thermally well-organized life and molded him into a completely favorable mold of Rajkul Pampra. It was the fruit of the efforts of the great Arjuna and Sadhvi Subhadra, that the fourteen-year-old prince Abhimanyu possessed the qualities of old kings in courage, valor and warfare. Parents, kin of the child, even if the child finds such a circumference suitable, then he can become a cultured citizen of best conduct.
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व्यर्थ आडम्बर का कोई लाभ नहीं एक बार की बात है कि किसी सेठ ने मन्दिर बनवाने के लिए स्वामी दयानन्द की सम्मति माँगी। स्वामी दयानन्द ने गम्भीर तथा निडर होकर उत्तर दिया - सेठ जी, प्राणिमात्र का कल्याण करने वाले किसी अन्य परोपकारी कार्य में धन लगाओ। जड़ की पूजा के स्थान इस मन्दिर को बनाने से कोई लाभ नही। स्वामी जी महाराज के...
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