मनोबल
किसी कार्य में दूसरे की की प्रशंसा से कर्ता का आत्मविश्वास और मनोबल दोनों बढ़ जाते हैं, फिर उसे ऐसा प्रतीत होने लगता है कि वह हाथ में लिए हुए कार्य को अवश्य पूरा कर लेगा। कहा जाता है कि आधी सफलता व्यक्ति को तब मिल जाती है, जब वह अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा कर लेता है। इसी की कमी से अधिकांश सफलताएँ संदेहास्पद बनी रहती हैं। अतः हर अच्छे कार्य में व्यक्ति बड़ाई अवश्य करनी चाहिए, ताकि उसका उत्साह तथा मनोबल सदा ऊँचा रहे, जो कार्य की सफलता को सुनिश्चित बनाए।
In some work, the self-confidence and morale of the doer increases by the praise of others, then it seems to him that he will definitely complete the work in hand. It is said that half the success is achieved when a person develops self-confidence. Due to lack of this, most of the successes remain doubtful. Therefore, in every good deed, a person must be praised, so that his enthusiasm and morale are always high, which will ensure the success of the work.
Morale | Arya Samaj Rajasthan 8989738486 | Marriage Service in Arya Samaj Rajasthan | Arya Samaj Inter Caste Marriage Rajasthan | Arya Samaj Marriage Rajasthan | Arya Samaj Vivah Mandap Rajasthan | Inter Caste Marriage Helpline Rajasthan | Marriage Service in Arya Samaj Mandir Rajasthan | Arya Samaj Intercaste Marriage Rajasthan | Arya Samaj Marriage Pandits Rajasthan | Arya Samaj Vivah Pooja Rajasthan | Inter Caste Marriage helpline Conductor Rajasthan | Official Web Portal of Arya Samaj Rajasthan | Arya Samaj Intercaste Matrimony Rajasthan | Arya Samaj Marriage Procedure Rajasthan | Arya Samaj Vivah Poojan Vidhi Rajasthan | Inter Caste Marriage Promotion Rajasthan | Official Website of Arya Samaj Rajasthan | Arya Samaj Legal Marriage Service Rajasthan | Arya Samaj Marriage Registration Rajasthan | Arya Samaj Vivah Vidhi
व्यर्थ आडम्बर का कोई लाभ नहीं एक बार की बात है कि किसी सेठ ने मन्दिर बनवाने के लिए स्वामी दयानन्द की सम्मति माँगी। स्वामी दयानन्द ने गम्भीर तथा निडर होकर उत्तर दिया - सेठ जी, प्राणिमात्र का कल्याण करने वाले किसी अन्य परोपकारी कार्य में धन लगाओ। जड़ की पूजा के स्थान इस मन्दिर को बनाने से कोई लाभ नही। स्वामी जी महाराज के...
भारत एकमात्र ऐसा देश है जहाँ सभी छह ऋतुएं उपलब्ध हैं। परन्तु सातवीं एक और ऋतु है नारों की। हाँ! यहाँ नारों की भी एक ऋतु होती है, जिसमें कोई एक नारा चल निकलता है और ऋतु समाप्ति पर अपने आप समाप्त हो जाता है, कोई किसी से दुबारा उन नारों के लिए प्रश्न नहीं पूछता। गरीबी हटाओ भी इस देश का नारा था,...