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आरोग्यवर्द्धक पौधा

तुलसी बहुत ही आरोग्यवर्द्धक पौधा है। उससे घर की वायुशुद्धि, कीटाणुओं का नाश, वातावरण में सात्विकता तथा कई बिमारियों में प्रभावशाली औषध का प्रयोजन पूरा होता है। वृक्षारोपण की प्रेरणा तो उस स्थापना के पीछे स्पष्ट रूप से कार्य करती है। पिछले दिनों प्रथा थी की पुरोहित लोग अपने यहाँ तुलसी के पौधे उगाते थे और उन्हें प्रत्येक यजमान के घर हरियाली अमावस्या के दिन स्वयं जाकर स्थापित कराते थे। जिस घर में तुलसी का पौधा न होता, उसमें अन्न ग्रहण न करते थे। इस प्रचलन में पेड़-पौधों के महत्व एवं उस स्थापना में धर्मभावना का समावेश होता है।

Tulsi is a very healthy plant. It fulfills the purpose of air purification of the house, destruction of germs, sattvikta in the environment and effective medicine in many diseases. The inspiration for tree plantation clearly works behind that establishment. In the past, it was customary that the priests used to grow Tulsi plants in their place and get them installed on the day of Hariyali Amavasya at the house of each host. In a house where there was no Tulsi plant, they would not take food. In this practice, the importance of trees and plants and religious sentiments are included in that establishment.

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    व्यर्थ आडम्बर का कोई लाभ नहीं एक बार की बात है कि किसी सेठ ने मन्दिर बनवाने के लिए स्वामी दयानन्द की सम्मति माँगी। स्वामी दयानन्द ने गम्भीर तथा निडर होकर उत्तर दिया - सेठ जी, प्राणिमात्र का कल्याण करने वाले किसी अन्य परोपकारी कार्य में धन लगाओ। जड़ की पूजा के स्थान इस मन्दिर को बनाने से कोई लाभ नही। स्वामी जी महाराज के...

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  • गरीबों के देश में अमीरों का शासन

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