मानव जीवन की विभूति
प्रेम मानव जीवन की सबसे बड़ी विभूति है। शरीर से ऊपर उठकर जो कुछ आदमी के पास 'दिव्य' है, उसकी तृप्ति प्रेम के अतिरिक्त और किसी से हो ही नहीं सकती। शरीर में 95 प्रतिशत पानी का अंश है। उसे बनाए रखने के लिए पानी चाहिए। प्यास का समाधान किए बिना शरीर की स्थिरता नहीं। प्यास को सहन कर सकना कठिन है। उसके बिना काया सूखती, मुरझाती, कुम्हलाती चली जाएगी और क्रमशः अपने अस्तित्व को ही गँवा देगी।
Love is the greatest asset of human life. Whatever man has 'divine' by rising above the body, his fulfillment cannot be done by anyone other than love. The body is composed of 95 percent water. It needs water to sustain it. No stagnation of the body without satisfying the thirst. It is difficult to bear thirst. Without it the body would wither, wither, wither and gradually lose its existence.
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धर्म का ज्ञान धन तथा काम में अनासक्त मनुष्य ही धर्म को ठीक-ठीक जान सकता है। धर्म की सबसे बड़ी कसौटी वेद है। जो धर्म के रहस्य तथा सार को जानना चाहते हैं, उनके लिए वेद परम प्रमाण हैं। अर्थात धर्म का स्वरूप व रहस्य जानने के लिए वेद ही परम प्रमाण है। Only a person who is not attached to money can know...
गरीब देश की गरीबी कोई अदृश्य या काल्पनिक नहीं थी और ना हि किसी ने उसे किताबों से निकालकर नारों की शक्ल दी थी। राजाओं के लिए तो मान्यता थी कि वे देश की गरीबी की परवाह नहीं करते थे और खुद की शहनशाही शान-शौकत और अय्याशी जनता के खर्च पर करते रहते थे। उनका तो जन्म ही महलों में रेशम की गुदडियों में और...