मृत्यु से संबंध
मनुष्य अपना संबंध जीवन के साथ तो आसानी से जोड़ लेता है, लेकिन मृत्यु से संबंध जोड़ने से घबराता है, वह मृत्यु से कोई नाता नहीं जोड़ना चाहता। जबकि जीवन के साथ संबंध जोड़ने पर उसे मृत्यु के साथ अपना संबंध जोड़ना ही पड़ेगा, क्योंकि ये दोनों एकदूसरे से अलग नहीं हैं। अगर व्यक्ति जीवन के प्रति आसक्त है, तो मृत्यु जीवन के भीतर छिपी है, जिस दिन जीवन से विरक्ति हो जाएगी, उस दिन मृत्यु से भी विरक्ति हो जाएगी।
Man easily associates his relationship with life, but is afraid to connect with death, he does not want to associate anything with death. Whereas in relation to life, he has to associate himself with death, because these two are not separate from each other. If a person is attached to life, then death is hidden within life, the day one becomes detached from life, that day one will also be detached from death.
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धर्म का ज्ञान धन तथा काम में अनासक्त मनुष्य ही धर्म को ठीक-ठीक जान सकता है। धर्म की सबसे बड़ी कसौटी वेद है। जो धर्म के रहस्य तथा सार को जानना चाहते हैं, उनके लिए वेद परम प्रमाण हैं। अर्थात धर्म का स्वरूप व रहस्य जानने के लिए वेद ही परम प्रमाण है। Only a person who is not attached to money can know...
गरीब देश की गरीबी कोई अदृश्य या काल्पनिक नहीं थी और ना हि किसी ने उसे किताबों से निकालकर नारों की शक्ल दी थी। राजाओं के लिए तो मान्यता थी कि वे देश की गरीबी की परवाह नहीं करते थे और खुद की शहनशाही शान-शौकत और अय्याशी जनता के खर्च पर करते रहते थे। उनका तो जन्म ही महलों में रेशम की गुदडियों में और...