व्यक्तित्व का परिचय
किसी के आगे हाथ फैलाना-यह प्रार्थना नहीं दीनता है। दयनीय व्यक्ति ही ऐसा करते और अपने निम्नस्तरीय व्यक्तित्व का परिचय देते हैं। विचारवान् लोग इस स्थिति से सदा बचने की सलाह देते हैं। भौतिक दीनता को 'दरिद्रता' कहा गया है, जबकि आत्मिक दीनता 'दुर्बलता कहलाती है। यह दोनों ही स्थितियाँ ठीक नहीं। दरिद्र व्यक्ति श्रम-पुरुषार्थ से बचना चाहता है और धन की याचना करता है। दुर्बल मनुष्य में तप का माद्दा नहीं होता है। वह अपनी परेशानियों के लिए अन्तः को बलवान बनाने की बजाय उसके हल के लिए ईश्वर के आगे हाथ जोड़ता रहता है और उसको 'प्रार्थना कहता है। नहीं, यह प्रार्थना नहीं है।
Spreading hands in front of someone - this prayer is not humble. Only pathetic people do this and introduce their low level personality. Thoughtful people always advise to avoid this situation. Material poverty is called 'poverty', while spiritual poverty is called 'weakness'. Both these situations are not correct. A poor person wants to avoid labor and effort and begs for money. There is no substance for penance in a weak person. Instead of strengthening the soul for his problems, he keeps on folding his hands in front of God for its solution and calls it 'prayer'. No, this is not prayer.
Personality Introduction | Arya Samaj Marriage 8120018052 | Arya Samaj Rajasthan | Inter Caste Marriage Promotion Rajasthan | Official Website of Arya Samaj Rajasthan | Arya Samaj Legal Marriage Service Rajasthan | Arya Samaj Marriage Registration Rajasthan | Arya Samaj Vivah Vidhi Rajasthan | Inter Caste Marriage Promotion for Prevent of Untouchability Rajasthan | Pandits for Marriage Rajasthan | Arya Samaj Legal Wedding Rajasthan | Arya Samaj Marriage Rituals Rajasthan | Arya Samaj Wedding Rajasthan | Legal Marriage Rajasthan | Pandits for Pooja Rajasthan | Arya Samaj Mandir Rajasthan | Arya Samaj Marriage Rules Rajasthan | Arya Samaj Wedding Ceremony Rajasthan | Legal Marriage Help Rajasthan | Procedure of Arya Samaj Marriage Rajasthan | Arya Samaj Mandir Helpline Rajasthan | Arya Samaj Online
धर्म का ज्ञान धन तथा काम में अनासक्त मनुष्य ही धर्म को ठीक-ठीक जान सकता है। धर्म की सबसे बड़ी कसौटी वेद है। जो धर्म के रहस्य तथा सार को जानना चाहते हैं, उनके लिए वेद परम प्रमाण हैं। अर्थात धर्म का स्वरूप व रहस्य जानने के लिए वेद ही परम प्रमाण है। Only a person who is not attached to money can know...
गरीब देश की गरीबी कोई अदृश्य या काल्पनिक नहीं थी और ना हि किसी ने उसे किताबों से निकालकर नारों की शक्ल दी थी। राजाओं के लिए तो मान्यता थी कि वे देश की गरीबी की परवाह नहीं करते थे और खुद की शहनशाही शान-शौकत और अय्याशी जनता के खर्च पर करते रहते थे। उनका तो जन्म ही महलों में रेशम की गुदडियों में और...