सत्साहित्य
सचमुच ज्ञान के समान मूल्यवान, पवित्र कोई वस्तु नहीं, जिस श्रद्धालु को यह प्राप्त होता हो जाता है, वह सचमुच निहाल हो जाता है। हमें किसी को सर्वोत्तम उपहार देने की भावना हो, तो उसे उसका आत्मबल बढ़ाने ज्ञान ही उपहारस्वरूप भेंट करना चाहिए। ज्ञान ही सर्वोत्तम उपहार है, अस्तु हमें उपहार के रूप में लोगों को सत्साहित्य भेंट करने की पावन परंपरा कर देनी चाहिए।
Truly there is no such thing as valuable, pure as knowledge, the devotee who attains it, becomes truly happy. If we have the feeling of giving the best gift to someone, then it should be presented as a gift to increase his self-confidence. Knowledge is the best gift, so we should make it a sacred tradition to present literature to people as a gift.
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धर्म का ज्ञान धन तथा काम में अनासक्त मनुष्य ही धर्म को ठीक-ठीक जान सकता है। धर्म की सबसे बड़ी कसौटी वेद है। जो धर्म के रहस्य तथा सार को जानना चाहते हैं, उनके लिए वेद परम प्रमाण हैं। अर्थात धर्म का स्वरूप व रहस्य जानने के लिए वेद ही परम प्रमाण है। Only a person who is not attached to money can know...
गरीब देश की गरीबी कोई अदृश्य या काल्पनिक नहीं थी और ना हि किसी ने उसे किताबों से निकालकर नारों की शक्ल दी थी। राजाओं के लिए तो मान्यता थी कि वे देश की गरीबी की परवाह नहीं करते थे और खुद की शहनशाही शान-शौकत और अय्याशी जनता के खर्च पर करते रहते थे। उनका तो जन्म ही महलों में रेशम की गुदडियों में और...