ज्ञान का दान
सभी प्रकार के दानों में ज्ञानदान को सर्वश्रेष्ठ दान कहा गया है। क्यों ? क्योंकि अन्य प्रकार के दान तो व्यक्ति को तत्काल राहत दे सकते हैं, पर ज्ञान का दान व्यक्ति को नई दृष्टि देकर उसे हमेशा-हमेशा के लिए तृप्त कर देता है, निहाल कर देता है। शादी, जन्मदिवस एवं अन्य पर्व-त्योहारों के अवसर पर कोई सत्यसाहित्य, जैसे वेद, पुराण, उपनिषद, गीता, रामायण रचित साहित्य भेंट किए जाने की परंपरा विकसित करनी चाहिए। समाज में ज्ञान का जितना अधिक प्रसार होगा-समाज उतना ही सभ्य, स्वच्छ, स्वस्थ, शालीन व समृद्ध होगा जाएगा।
The donation of knowledge is said to be the best charity among all kinds of donations. Why ? Because other types of donations can give immediate relief to the person, but the gift of knowledge gives a new vision to the person, makes him satisfied forever and ever. On the occasion of marriages, birthdays and other festivals, a tradition should be developed to present literature composed of any true literature, such as Vedas, Puranas, Upanishads, Geeta, Ramayana. The more knowledge is spread in the society - the more civilized, clean, healthy, decent and prosperous the society will become.
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धर्म का ज्ञान धन तथा काम में अनासक्त मनुष्य ही धर्म को ठीक-ठीक जान सकता है। धर्म की सबसे बड़ी कसौटी वेद है। जो धर्म के रहस्य तथा सार को जानना चाहते हैं, उनके लिए वेद परम प्रमाण हैं। अर्थात धर्म का स्वरूप व रहस्य जानने के लिए वेद ही परम प्रमाण है। Only a person who is not attached to money can know...
गरीब देश की गरीबी कोई अदृश्य या काल्पनिक नहीं थी और ना हि किसी ने उसे किताबों से निकालकर नारों की शक्ल दी थी। राजाओं के लिए तो मान्यता थी कि वे देश की गरीबी की परवाह नहीं करते थे और खुद की शहनशाही शान-शौकत और अय्याशी जनता के खर्च पर करते रहते थे। उनका तो जन्म ही महलों में रेशम की गुदडियों में और...