परिवार स्नेह
परिवार में सदस्यों को भरपूर प्रेम, सम्मान और स्नेह मिलता रहे तो उनके बाहरी वातावरण से प्रभावित होकर भटक जाने का खतरा समाप्त हो जाता है। परिवार स्नेह और सद्द्भाव के कारण, स्वजनों के आकर्षण के केंद्र बने रहें तो परिजन बाहर के किसी भी प्रलोभन या आकर्षण से प्रभावित नहीं हो सकते। आजकल किए जाने वाले शोधों से भी यह तथ्य सामने आ रहे हैं कि प्रेम और स्नेह के अभाव में ही प्रायः अपराधी प्रवृत्ति भड़कती है।
If the members in the family continue to get a lot of love, respect and affection, then the danger of getting influenced by their external environment ends. Due to family affection and goodwill, if the family remains the center of attraction of the relatives, then the relatives cannot be influenced by any external temptation or attraction. Today's research is also coming to the fore that in the absence of love and affection, criminal tendencies often flare up.
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धर्म का ज्ञान धन तथा काम में अनासक्त मनुष्य ही धर्म को ठीक-ठीक जान सकता है। धर्म की सबसे बड़ी कसौटी वेद है। जो धर्म के रहस्य तथा सार को जानना चाहते हैं, उनके लिए वेद परम प्रमाण हैं। अर्थात धर्म का स्वरूप व रहस्य जानने के लिए वेद ही परम प्रमाण है। Only a person who is not attached to money can know...
गरीब देश की गरीबी कोई अदृश्य या काल्पनिक नहीं थी और ना हि किसी ने उसे किताबों से निकालकर नारों की शक्ल दी थी। राजाओं के लिए तो मान्यता थी कि वे देश की गरीबी की परवाह नहीं करते थे और खुद की शहनशाही शान-शौकत और अय्याशी जनता के खर्च पर करते रहते थे। उनका तो जन्म ही महलों में रेशम की गुदडियों में और...