पृथ्वी तत्व
पृथ्वी हमें अन्न, दाल, सब्जियाँ आदि देती है। अतः इनके सेवन से हमें पृथ्वी तत्व की प्राप्ति होती है, पर हम इन्हें कच्चा नहीं खा सकते। इन्हें आग पर पकाकर तथा आवश्यकतानुसार कुछ अन्य मिर्च-मसाले डालकर प्रयोग किया जा सकता है। इनका सेवन कितना और कितनी बार करें, इसका कोई मापदंड नहीं है। शारीरिक परिश्रम करने वाले किसान या मजदुर तथा कार्यालय में बैठकर काम करने वाले की आवश्यकता अलग-अलग होगी। उन्हें उसी अनुसार इनका सेवन करना चाहिए।
Earth gives us food grains, pulses, vegetables etc. Therefore, we get the earth element by consuming them, but we cannot eat them raw. They can be used by cooking them on fire and adding some other chili-spices as needed. There is no criterion for how much and how often to consume them. The requirement of the farmer or laborer doing physical labor and the person working in the office will be different. They should consume them accordingly.
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धर्म का ज्ञान धन तथा काम में अनासक्त मनुष्य ही धर्म को ठीक-ठीक जान सकता है। धर्म की सबसे बड़ी कसौटी वेद है। जो धर्म के रहस्य तथा सार को जानना चाहते हैं, उनके लिए वेद परम प्रमाण हैं। अर्थात धर्म का स्वरूप व रहस्य जानने के लिए वेद ही परम प्रमाण है। Only a person who is not attached to money can know...
गरीब देश की गरीबी कोई अदृश्य या काल्पनिक नहीं थी और ना हि किसी ने उसे किताबों से निकालकर नारों की शक्ल दी थी। राजाओं के लिए तो मान्यता थी कि वे देश की गरीबी की परवाह नहीं करते थे और खुद की शहनशाही शान-शौकत और अय्याशी जनता के खर्च पर करते रहते थे। उनका तो जन्म ही महलों में रेशम की गुदडियों में और...