कठिन परिस्थितियाँ
यह भी देखा गया है कि बाहरी समृद्धि ने व्यक्ति को भीतर से खोखला करने का काम किया है। दरअसल मनुष्य अपनी जवानी पैसे कमाने में बिता देता है और अंत में उसे समझ में आता है कि पैसों की भूख कभी समाप्त नहीं होती और छोटी-छोटी खुशियाँ पैसों से नहीं मिल पातीं। अतः जितना हो सके, उतना हमें अपने सामाजिक दायरे को समृद्ध करने में लगाना चाहिए। यह कोई नहीं की खुशमिजाज व्यक्ति के जीवन में सब कुछ बहुत अच्छा हो; क्योंकि प्रतिकूलताएँ व कठिन परिस्थितियाँ हर व्यक्ति के जीवन में होती हैं।I
t is also seen that external prosperity has worked to hollow the person from within. In fact, man spends his youth in earning money and in the end he understands that the hunger for money never ends and small happiness cannot be found with money. Therefore, as much as we can, we should invest in enriching our social circle. It is not that everything is very good in a happy person's life; Because adversities and difficult situations happen in every person's life.
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धर्म का ज्ञान धन तथा काम में अनासक्त मनुष्य ही धर्म को ठीक-ठीक जान सकता है। धर्म की सबसे बड़ी कसौटी वेद है। जो धर्म के रहस्य तथा सार को जानना चाहते हैं, उनके लिए वेद परम प्रमाण हैं। अर्थात धर्म का स्वरूप व रहस्य जानने के लिए वेद ही परम प्रमाण है। Only a person who is not attached to money can know...
गरीब देश की गरीबी कोई अदृश्य या काल्पनिक नहीं थी और ना हि किसी ने उसे किताबों से निकालकर नारों की शक्ल दी थी। राजाओं के लिए तो मान्यता थी कि वे देश की गरीबी की परवाह नहीं करते थे और खुद की शहनशाही शान-शौकत और अय्याशी जनता के खर्च पर करते रहते थे। उनका तो जन्म ही महलों में रेशम की गुदडियों में और...