बुरी वस्तुएँ
जिन्हें हम बुरी वस्तुएँ समझते हैं, जिन बातों को हम अप्रिय समझते हैं, उनमें हमारी जागरूकता की, चेतना की, विवेक-बुद्धि को जाग्रत करने की शक्ति होती है। उससे अनुभव बढ़ता है और समझदारी आती है। यदि बुरी बातें दुनिया में न हों, तो अच्छी को, श्रेष्ठता को अनुभव करने का अवसर लोगों को न मिलें और निष्क्रियता एवं जड़ता बढ़ने लगे। इस प्रकार जब हम गम्भीरतापूर्वक विचार करते हैं तो हमें बुराई के गर्भ में श्रेष्ठता प्रतीत होती है। उसके कारण हमारी अच्छाइयों को विकसित होने का, संघर्ष में आने का अवसर मिलता है।
What we consider to be bad things, things which we consider unpleasant, have the power to awaken our awareness, consciousness, conscience and intellect. It increases experience and makes sense. If bad things are not in the world, then people do not get the opportunity to experience the good, the superiority and passivity and inertia start increasing. Thus when we think deeply, we feel superiority in the womb of evil. Because of that our good qualities get an opportunity to grow, to come into conflict.
Bad Things | Arya Samaj Marriage, 8120018052 | Arya Samaj Helpline Rajasthan | Arya Samaj Marriage Documents Rajasthan | Arya Samaj Temple Rajasthan | Aarya Samaj Rajasthan | Marriage Service by Arya Samaj Rajasthan | Arya Samaj Hindu Temple Rajasthan | Arya Samaj Marriage Guidelines Rajasthan | Arya Samaj Vivah Rajasthan | Inter Caste Marriage Rajasthan | Marriage Service by Arya Samaj Mandir Rajasthan | Arya Samaj Marriage Helpline Rajasthan | Arya Samaj Rajasthan | Hindu Pandits Helpline Rajasthan | Marriage in Arya Samaj Mandir Rajasthan | Arya Samaj Court Marriage Rajasthan | Arya Samaj Marriage Consultant Rajasthan | Arya Samaj Shadi Procedure Rajasthan | Hindu Wedding Helpline Rajasthan | Marriage Procedure of Arya Samaj Rajasthan
धर्म का ज्ञान धन तथा काम में अनासक्त मनुष्य ही धर्म को ठीक-ठीक जान सकता है। धर्म की सबसे बड़ी कसौटी वेद है। जो धर्म के रहस्य तथा सार को जानना चाहते हैं, उनके लिए वेद परम प्रमाण हैं। अर्थात धर्म का स्वरूप व रहस्य जानने के लिए वेद ही परम प्रमाण है। Only a person who is not attached to money can know...
गरीब देश की गरीबी कोई अदृश्य या काल्पनिक नहीं थी और ना हि किसी ने उसे किताबों से निकालकर नारों की शक्ल दी थी। राजाओं के लिए तो मान्यता थी कि वे देश की गरीबी की परवाह नहीं करते थे और खुद की शहनशाही शान-शौकत और अय्याशी जनता के खर्च पर करते रहते थे। उनका तो जन्म ही महलों में रेशम की गुदडियों में और...