परमात्मा का निवास
सभी ईश्वर के पुत्र हैं और सबमें परमात्मा का निवास है; यह मानते हुए यदि हम परस्पर एकता, निश्छलता, प्रेम और उदारता का व्यवहार करने लगे, तो जीवन में अजस्त्र पवित्रता का अवतरण होने लगे; सर्व्रत्र सद्व्यवहार के दर्शन होने लगें और आज जो कटुता, संकीर्णता एवं कलह का वातावरण दीख पड़ता है, उसका अंत होने में देर न लगे।
All are sons of God and God resides in all; Considering this, if we start dealing with each other in unity, sincerity, love and generosity, then in life we will start descending as a weapon of purity; Everywhere, good behavior should be seen everywhere and the atmosphere of bitterness, narrowness and discord that is seen today should not take long to end.
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धर्म का ज्ञान धन तथा काम में अनासक्त मनुष्य ही धर्म को ठीक-ठीक जान सकता है। धर्म की सबसे बड़ी कसौटी वेद है। जो धर्म के रहस्य तथा सार को जानना चाहते हैं, उनके लिए वेद परम प्रमाण हैं। अर्थात धर्म का स्वरूप व रहस्य जानने के लिए वेद ही परम प्रमाण है। Only a person who is not attached to money can know...
गरीब देश की गरीबी कोई अदृश्य या काल्पनिक नहीं थी और ना हि किसी ने उसे किताबों से निकालकर नारों की शक्ल दी थी। राजाओं के लिए तो मान्यता थी कि वे देश की गरीबी की परवाह नहीं करते थे और खुद की शहनशाही शान-शौकत और अय्याशी जनता के खर्च पर करते रहते थे। उनका तो जन्म ही महलों में रेशम की गुदडियों में और...